12 करोड़ का सोना लूटने वाले ही ठगे गए:उदयपुर में डकैती करने वालों का बॉस 23 किलो गोल्ड, 11 लाख रुपए कैश लेकर फरार.
12 करोड़ का सोना लूटने वाले ही ठगे गए:उदयपुर में डकैती करने वालों का बॉस 23 किलो गोल्ड, 11 लाख रुपए कैश लेकर फरार.
उदयपुर में 29 अगस्त को मणप्पुरम गोल्ड लोन के ऑफिस में हुई 23 किलो सोना और 11 लाख रुपए कैश लूट की वारदात में पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ा है। राजस्थान के निंबाहेड़ा से गिरफ्तार दोनों लुटेरे उज्जैन जा रहे थे। पुलिस ने बताया कि गैंग का मास्टरमाइंड गुड्डू और तीन आरोपी अब तक फरार हैं। लूट का पूरा माल गुड्डू के पास है और उसके बारे में किसी को जानकारी नहीं है।
उदयपुर आईजी प्रफुल्ल कुमार ने शुक्रवार को बताया कि गैंग के सभी सदस्य बिहार के रहने वाले हैं। सभी पेशेवर मुजरिम हैं और इनकी दोस्ती पटना सेंट्रल जेल में ही हुई थी। आईजी ने बताया कोई भी आरोपी एक-दूसरे को उसके असल नाम से नहीं जानता।
आईजी ने बताया कि पकड़े गए आरोपी प्रिंस (22) और फन्तोस कुमार (19) को बिहार एसटीएफ के सहयोग से लगातार ट्रेस किया जा रहा था। इनके राजस्थान आने की जानकारी भी बिहार से ही मिली थी। दोनों आरोपी आठवीं पास हैं। जो पहले भी लूट जैसी वारदातों को अंजाम दे चुके हैं।
50-50 लाख रुपए बंटने वाले थे
प्रिंस से देसी पिस्टल और दो कारतूस भी बरामद हुए हैं। गुड्डू के नेतृत्व में प्रिंस और फन्तोस लूट की वारदात में साथ थे। एक-एक सदस्य को 50-50 लाख रूपए मिलने थे। पुलिस कार्रवाई के थमने और माहौल नॉर्मल होने के बाद मास्टरमाइंड ने इनसे काॅन्ट्रैक्ट करने का वादा किया था, लेकिन वह गायब है।
ओडिशा में फेल हुए तो उदयपुर आए
पुलिस ने बताया कि लूट से पहले आरोपी दो अलग-अलग ग्रुप बनाकर आए थे। एक ग्रुप 15-16 अगस्त को आया था। वहीं, दूसरा ग्रुप 23-24 अगस्त के बीच उदयपुर पहुंचा था। पुलिस ने बताया कि गैंग 6 अगस्त 2022 को ओडिसा के ढेन्केनाल शहर में भी मणप्पुरम गोल्ड लोन कपंनी में डाका डालने घुसी थी, लेकिन सायरन बजने से योजना विफल हो गई। ऐसे में नई योजना के तौर पर उन्होंने स्टडी कर उदयपुर का सुंदरवास क्षेत्र में स्थित मणप्पुरम गोल्ड लोन कपंनी का ऑफिस चुना।
लूट की वारदात को अंजाम देने से पहले कंपनी के ऑफिस में लगे सुरक्षा इंतजामों को देखा और ऑफिस में लगे ट्रैकर व कम्युनिकेशन सिस्टम को बंद करने की जानकारी हासिल की।
कॉलेज स्टूडेंट बनकर रहे
पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने वारदात में इस्तेमाल बाइक कोटा से खरीदी थी। आरोपियों का पहला टारगेट लूटे गए सोने और नकदी को राजस्थान की सीमा से बाहर निकालना था। इसके लिए उन्होंने एमपी के कच्चे रास्तों की पहचान की।
प्रफुल्ल कुमार ने बताया कि लूट से पहले रैकी के लिए आरोपियों ने उदयपुर में डबोक इलाके में एक मकान में किराए पर लिया और स्टूडेंट बनकर रहने लगे। करीब 20 दिन की रैकी के बाद 29 अगस्त को लूट की वारदात की। इसके अलावा वो फर्जी नाम और पहचान से रहने लगे।
सिमकार्ड और पहचान पत्र पश्चिम बंगाल का बनाया था। पुलिस ने बचने के लिए उन्होंने ऐसी जगहों और रास्तों को चुना जहां पुलिस नहीं हो।
पुलिस ने बताया- आरोपियों ने कोई भी निशान नहीं छोड़ा था। न ही उनकी पहचान किसी के पास थी। ऐसे में उनके बारे में सुराग लगाना मुश्किल था। इसके लिए एडीशनल एसपी चंद्रशील ठाकुर के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया।
ये था मामला
उदयपुर के सुंदरवास के मणप्पुरम गोल्ड लोन के ऑफिस में 29 अगस्त सोमवार को सुबह 9.20 बजे हथियारबंद 5 बदमाश घुसे और 9.43 बजे लूटपाट करके निकल गए। लुटेरे नकाब पहने हुए थे। जिस बॉक्स में गहने-जेवरात रखे थे, कंपनी ने उसमें जीपीएस ट्रैकर लगा रखा था, लेकिन लुटेरे ट्रैकर निकालकर वहीं फेंक गए, ताकि उन्हें ट्रेस न किया जा सके। बताया जा रहा है कि कंपनी के इस ऑफिस में 1100 लोगों का सोना जमा था।
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