महावितरण के इंजीनियर समेत 10 लोगों की टीम से मारपीट, जानें क्या है मामला?
महावितरण के इंजीनियर समेत 10 लोगों की टीम से मारपीट, जानें क्या है मामला?
कल्याण : कल्याण पूर्व मंडल के हाजी मलंग फीडर में
बिजली चोरी का तलाशी अभियान चला रहे महावितरण के एक कार्यकारी अभियंता समेत 10 लोगों की टीम को काकड़वाल गांव में बेरहमी से पीटे जाने का मामला सामने आया है। रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना बुधवार दोपहर हुई और देर रात पांच आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की 10 और मुंबई पुलिस अधिनियम की तीन धाराओं के तहत हिल लाइन पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और चार आरोपी फरार है। गिरफ्तार आरोपी को गुरुवार को अदालत ने पुलिस हिरासत में भेज दिया। आरोपियों के नाम अशोक दूधकर, संतोष दूधकर, जगदीश दूधकर, अनंत दूधकर और प्रकाश दूधकर है। बिजली चोरी का पता लगाने और खराब मीटरों को बदलने सहित उपभोक्ताओं की शिकायतों के निवारण के लिए हाजीमलंग फीडर पर पिछले तीन महीनों से व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत सहायक अभियंता रवींद्र नाहिदे की टीम ने बुधवार को काकड़वाल गांव में दुधकर परिवार की चार मंजिला इमारत की बिजली आपूर्ति की जांच करने की कोशिश की क्योंकि बिजली का बिल केवल 250 रुपए था।
लेकिन तीन महिला कर्मचारियों समेत टीम को काम करने से रोककर दुधकर परिवार ने टीम के इंजीनियरों और कर्मचारियों को लात मुक्के, लोहे की छड़, लकड़ी के डंडे और पाइप के टुकड़ों से पीटा। हमले की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे कल्याण पूर्व मंडल के कार्यकारी अभियंता नरेंद्र धावड़ और कनिष्ठ अभियंता प्रशांत राउत के साथ भी दुधकर परिवार ने मारपीट की। दुधकर परिवार के हमले में कार्यकारी अभियंता धवड़ सहित दस अभियंता और कर्मचारी घायल हो गये। शिकायत दर्ज कराने नेवाली पुलिस स्टेशन जाने के बाद आरोपियों ने टीम के सदस्यों के साथ गाली-गलौज कर धमकाया।
प्राथमिक उपचार के बाद हिल लाइन पुलिस ने सहायक अभियंता नाहिदे की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है और पुलिस निरीक्षक श्रीराम पडवाल मामले की जांच कर रहे है। कल्याण सर्किल के मुख्य अभियंता धनंजय औंधेकर, कल्याण सर्किल 2 के अधीक्षक अभियंता दिलीप भोले समेत वरिष्ठ अधिकारी, इंजीनियर, कर्मचारी देर रात तक पुलिस स्टेशन में डटे रहे। इस बीच ट्रेड यूनियन भी हमलावर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को लेकर आक्रामक हो गई है और महावितरण प्रशासन सख्त कार्रवाई की पैरवी कर रहा है।
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