बीएमसी चुनाव 6 महीने के लिए टल सकते है
बीएमसी चुनाव 6 महीने के लिए टल सकते है
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को याचिकाकर्ता को अन्य बातों के साथ-साथ बीएमसी नगरसेवको की संख्या 236 से घटाकर 227 करने के वर्तमान महाराष्ट्र सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की छूट दे दी।
रिट याचिका 2022 के महाराष्ट्र अध्यादेश संख्या VII की संवैधानिक वैधता पर हमला करती है, जिसका दावा है कि उसने पहले के संशोधन अधिनियम को रद्द कर दिया, जिससे बीएमसी के वार्डों का सीमांकन 227 से बढ़ाकर 336 कर दिया गया।
न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और हिमा कोहली ने याचिकाकर्ता से संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका को वापस लेने और उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा जिसमें 2022 के महाराष्ट्र अध्यादेश संख्या 7 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई थी, जो बाद में 2022 का अधिनियम 43 बन गया।
शुरुआत में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने संकेत दिया कि याचिकाकर्ता को बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष अपनी शिकायतें उठानी चाहिए, जो कि लागू अधिनियम की संवैधानिकता के मुद्दे को तय करने के लिए भी तैयार है।
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने प्रस्तुत किया कि लागू अधिनियम के माध्यम से बीएमसी पार्षदों की संख्या 236 से घटाकर 227 कर दी गई है। यह दावा किया गया था कि चुनाव प्रक्रिया जो नगर निकायों के लिए की जा रही थी। यदि आक्षेपित क़ानून पर कार्रवाई की जाती है तो राज्य में प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा
याचिका राजू श्रीपद पेडनेकर और एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड श्री निशांत पाटिल के माध्यम से दायर की गई है।
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